छात्र राजनीति से निकलकर पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत स्तंभ के रूप में पहचान बनाने वाले पूर्व सांसद भालचंद यादव(Ex MP Bhalchand Yadav) कार्यकर्ताओं के लिए जूझने वाले नेता के रूप में भी जाने जाएंगे। संतकबीरनगर को जिला बनवाने के लिए उन्होंने पार्टी भी छोड़ने में हिचक नहीं दिखाई। जिले के विकास की बात होगी तो पूर्व सांसद को एक बार यहां के लोग जरूर याद करते हैं।
संतकबीरनगर के भक्ता गांव के रहने वाले पूर्व सांसद भालचंद यादव (Bhalchandra Yadav) एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पहलवानी का शौक रखने वाले पूर्व सांसद ने छात्र जीवन में ही चुनावी राजनीति में हाथ आजमाया। पहला चुनाव वह छात्र संघ का लड़े। 1979 में एचआरपीजी काॅलेज से वह छात्र संघ उपाध्यक्ष का चुनाव लड़े लेकिन जीत न सके। लेकिन राजनीति का चस्का इस युवा को ऐसा लगा कि पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वह लगातार राजनीतिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते रहे। 1998 में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव(Mulayam Singh Yadav) ने उनपर भरोसा जताया और खलीलाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ाया। लोगों में लोकप्रिय भालचंद चुनाव तो मामूली अंतर से जीत गए लेकिन अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में कोई चूक नहीं किए। 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में लोगों ने भालचंद को अपना सांसद चुन लिया।
Bhalchanda Yadav Biography/ Wikipedia
Name | Bhalchand Yadav |
Village | Bhakta |
Born | 1 July 1958 Basti, Uttar Pradesh |
Died | 4 October 2019 (aged 61) Medanta-The Medicity, Gurgaon, Haryana, India |
Father’s Name | Shri Ram Sahai Yadav |
Mother’s Name | Smt. Janki Devi |
Educational Qualifications | B.A. Educated at H.R. Degree College, Khalilabad (Uttar Pradesh) |
Profession | Agriculturist |
District | Santkabir Nagar |
Loksabha Seat (Constituency) | Khalilabad |
Party | 1.Samajwadi Party 2.Bahujan samaj Party 3.Congress |
Spouse(s) | Phoola Yadav |
Children | 2 sonssubodh yadav pramod yadav and 1 daughter vibha yadav |
Bhalchanda Yadav Positions Held
1996-97 | District President, Samajwadi Party, Basti (Uttar Pradesh) |
1997-98 | District President, Samajwadi Party, Khalilabad (Sant Kabir Nagar) Uttar Pradesh |
1999 | Elected to 13th Lok Sabha |
1999-2000 | Member, Committee on Agriculture |
2000-2004 | Member, Consultative Committee, Ministry of Chemicals and Fertilizers |
2004 | Re-elected to 14th Lok Sabha( 2nd term) |
पूर्व सांसद को जानने वाले बताते हैं कि सांसद बनने के बाद वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने के साथ साथ विभिन्न परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू किया। लोग याद करते हुए बताते हैं कि वह संतकबीर की धरती मगहर में राष्ट्रपति को लेकर आए। राष्ट्रपति के आने का नतीजा यह हुआ कि संतकबीरनगर को बिना मांगे दर्जनों परियोजनाएं मिलने के साथ पूरी भी समय से हो गई। सांसद रहते उन्होंने तमाम ट्रेनों का ठहराव अपने जिले में कराया तो पुल-पुलिया व सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए कई प्रतिक्षित परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाई।
सपा ने संतकबीरनगर जिले को समाप्त किया तो आंदोलन में कूदे
सपा शासनकाल में संतकबीरनगर के जिले का दर्जा समाप्त करने का ऐलान कर दिया गया। सपा में रहने के दौरान भालचंद आंदोलन में कूद पड़े ताकि जिले का दर्जा न समाप्त हो। इसी आंदोलन में उन्होंने सपा को छोड़ दिया। संतकबीरनगर की जनता के साथ लगातार आंदोलन में भाग लेते रहे और आखिरकार संतकबीरनगर को जिला फिर से बना दिया गया।
लगातार संसदीय चुनाव में सशक्त प्रत्याशी के रूप में रहे
1998 में सपा से पहली बार संसदीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व सांसद भालचंद यादव पहली बार 1999 में सांसद बने थे। 2004 में बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और दुबारा सांसद बने। लेकिन बसपा में अधिक दिन तक नहीं रह सके। 2008 में हुए संतकबीरनगर संसदीय उप चुनाव में वह सपा के टिकट पर लड़े लेकिन चुनाव हार गए। हालांकि, मत प्रतिशत उनका इस बार भी बढ़ा। इस चुनाव बाद वह फिर बसपा में चले गए। 2010 में हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने अपने बेटे प्रमोद यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया। बसपा ने 2012 के विधान सभा चुनाव उनके पुत्र सुबोध यादव को इटवा विधान सभा क्षेत्र से टिकट दिया लेकिन वे हार गए। चुनाव बाद वह फिर सपा में शामिल हो गए। सपा सरकार ने पूर्व सांसद भालचंद यादव के क्षेत्र में विकास की कई परियोजनाएं स्वीकृत की, इसमें सबसे प्रमुख बीएमसीटी मार्ग की सौगात शामिल है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा ने टिकट दिया लेकिन चुनाव हार गए। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन हो जाने से उनका टिकट कट गया तो वे नाराज होकर फिर पार्टी छोड़ दिए। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और सवा लाख से अधिक वोट बटोरे। परंतु चुनाव बीतने के बाद वह फिर बसपा में चले गए थे।
चुनाव आचार संहिता को तोड़ पुल का कर दिया उद्घाटन
2017 के चुनाव के दौरान भी पूर्व सांसद भालचंद यादव सुर्खियों में रहे। कई सालों से बनकर तैयार मुखलिसपुर रेलवे क्रांसिंग पुल के खोले नहीं जाने से लोगों को खासी दिक्कत होती थी। चुनाव के दौरान ही आचार संहिता का परवाह किए बगैर पूर्व सांसद भालचंद यादव ने सुबह सवेरे अपने समर्थकों केसाथ पहुंचकर पुल को पार किया। प्रतीकात्मक उद्घाटन करने के बाद उस पुल से लोगों का आवागमन शुरू हो गया। उधर, प्रशासन ने इस मामले में उनको नोटिस कर दिया।
Congress Leader Bhalchandra Yadava Dies. Priyanka Gandhi Pays Tribute : NDTV Report on Death
Bhalchandra Yadava, a Congress leader, was earlier with Samajwadi Party and Bahujan Samaj Party. He died at Gurgaon’s Medanta Hopital today.
New Delhi:
Congress leader Bhalchandra Yadava, a former MP of Uttar Pradesh, died in Gurgaon’s Medanta Hospital today. He was suffering from cancer.
Bhalchandra Yadava was elected to the Lok Sabha twice. In 1999, he won as Samajwadi Party candidate from eastern Uttar Pradesh’s then Khalilabad and now Sant Kabir Nagar seat, and in 2004, he won on Bahujan Samaj Party (BSP) ticket from the same constituency.
He re-joined Samajwadi Party for 2009 elections, but was defeated. He then switched over to the Congress in 2019, just before the Lok Sabha elections, but lost again.
Tributes poured in for the amicable leader from the Congress and his former parties – the Samajwadi Party and the Bahujan Samaj Party.



Video बिरहा – गरीबो के मसीहा – स्व. भालचंद यादव की जीवन गाथा – Bhojpuri Birha
Refrences
- YADAV, SHRI BHAL CHANDRA https://web.archive.org/web/20040907210020/http://164.100.24.208/ls/lsmember/biodata.asp?mpsno=524
- Bhalchandra Yadava- Wikipedia https://en.wikipedia.org/wiki/Bhalchandra_Yadava
- Ex MP Bhalchand Yadav- Patrika https://www.patrika.com/sant-kabir-nagar-news/the-untold-story-of-ex-mp-bhalchand-yadav-who-lived-for-people-5178527/
